Friday, April 22, 2016

तब तक मत रुको, जब तब लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये.

तब तक मत रुको, जब तब लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये.
यह स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ सुविचार दिये है, जो प्राचीन काल से युवको को प्रेरित करते रहे है. जब कभी भी आप थके हुए हो तो रुकना नही चाहिये, जब तक की आप अपने उद्देश्य को हासिल नहीं कर लेते हो. तभी आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने की ख़ुशी मिलेगी. इसीलिये जागो और आगे बढ़ो. आपका लक्ष्य आपके आने का इंतज़ार कर रहा है, जाओ और उसे हासिल करो.

स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ विचार – Swami Vivekananda Quotes In Hindi






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नये जोड़े गये स्वामी विवेकानंदजी के सुविचार – New Added Swami Vivekananda Quotes In Hindi :
यह गरीबी जो मै सहन कर रहा हु ये मेरे ही कामो का परिणाम है, और ऐसी कई चीज़े है जो ये बताती है की मेरी इस परिस्थिती को मेरे सिवा और कोई नहीं बदल सकता.
हम जो बोते है वहो काटते है. हम हमारी किस्मत के खुद ही निर्माता है. हमारी परिस्थिती के लिए हम किसी को भी दोषी नहीं ठहरा सकते या किसी की भी स्तुति नहीं कर सकते.
आस्था, हमदर्दी— जोशीली आस्था और जोशीली हमदर्दी! जीवन कुछ भी नहीं, मृत्यु कुछ भी नहीं, भूख कुछ भी नहीं, ठंडी कुछ भी नहीं. जब तक भगवान आपकी प्रशंसा न करे तब तक तेज़ी से आगे बढ़ते रहो, भगवान हम सामान्य लोगो का ही है. कौन असफल हुआ, कौन आगे बढ़ा, कौन निचे गिरा कभी भी जीवन में ये देखने के लिए आगे पीछे मत मुड़ो. जब तक हमारी सास चल रही है तब तक बिना रुको लक्ष्यप्राप्ति के लिए आगे बढ़ो. यदि कभी गिरते हो तो उठो और फिर से आगे बढ़ो.
अपने लक्ष्य को अपनी कबीलियत के स्तर से निचा न रखे. बल्कि, अपने काबिलियत के स्तर को अपने लक्ष्य के जितना बड़ा बनाने की कोशिश करे.
मेरे बच्चो महसूस करना सीखो : गरीबो के लिए महसूस करो, अज्ञानीयो के लिए महसूस करो, दलितों के लिए महसूस करो. जब तक आपका दिल नहीं रुकता तब तक महसूस करते रहो और तब तक सोचते रहो जब तक लोग आपको पागल नहीं कहते. अपनी आत्मा का भगवान से संबंध बनाने की कोशिश करो. तभी आपके अंदर एक अपार शक्ति विकसित होगी जिससे आप जरुरतमंदो की सहायता कर सको.
अनुभवों से ही इंसान सब कुछ सीखता है. हम जीवन में हो रहे बहोत सी गतिविधियों के पीछे के कारन को जान सकते है लेकिन किसी शब्द के पीछे की सत्यता को अनुभवों से ही जाना जा सकता है.
जब तक आपको खुद पर भरोसा नहीं होता तब तक आप भगवान पर भरोसा नहीं कर सकते.
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तिया हमारे ही भीतर है. वो तो हम ही है जो उस शक्तियों को अँधेरा समझकर हात आखो पर रखकर रोने लगते है.
ये दुनिया सबसे बड़ी व्यायामशाला है जहा हम अपने आप को ताकतवर बनाने के लिए आते है.
प्राचीन धर्मो ने कहा, “वह नास्तिक है, जो भगवान में विश्वास नहीं करता.” नया धर्म कहता है, “नास्तिक वह है जो खुद पर विश्वास नहीं करता.”
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
किसी की निंदा ना करे, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते है, तो जरुर बढ़ाये. अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोडीये, अपने भाइयो को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिये.
अगर धन दुसरो की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा ये सिर्फ बुरे का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.
हम वो है जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये की आप क्या सोचते है.
सत्य को हजारो तरीको से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक तरीका सत्य ही होंगा.

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